श्रोत- 11/03/11 दैनिक भास्कर
भूकम्प की तीव्रता मापने के लिए हम जिस 'रिक्टर पैमाने' का इस्तेमाल करते हैं, उसे 75 साल पहले अमेरिकी भूकम्पविज्ञानी चार्ल्स रिक्टर ने बनाया था।रिक्टर कैलीफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टैक्नोलॉजी (कैलटैक) में 1927 से 1970 तक भूकम्पविज्ञानी के रूप में कार्यरत थे।
इंस्टीट्यूट के मुताबिक रिक्टर ने 1935 में अपने सहयोगी बेनो गुटेनबर्ग के साथ मिलकर 'रिक्टर पैमाने' का आविष्कार किया था। उन्होंने भूकम्प विज्ञान पर दो किताबें भी लिखी थीं।
साल 1980 में रिक्टर ने कहा था कि भूकम्प विज्ञान की प्रयोगशालाओं में एक ऐसे यंत्र की आवश्यकता थी जो भूकम्प की तीव्रता ज्ञात कर सके क्योंकि इन प्रयोगशालाओं में हर साल 200 से 300 भूकम्पों के अध्ययन किए जाते हैं। रिक्टर का 1985 में निधन हो गया था।
मूल समाचार{लेख}के लिए यहाँ क्लिक करें |
चित्र श्रोत-दैनिक भास्कर |
भूकम्प की तीव्रता मापने के लिए हम जिस 'रिक्टर पैमाने' का इस्तेमाल करते हैं, उसे 75 साल पहले अमेरिकी भूकम्पविज्ञानी चार्ल्स रिक्टर ने बनाया था।रिक्टर कैलीफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टैक्नोलॉजी (कैलटैक) में 1927 से 1970 तक भूकम्पविज्ञानी के रूप में कार्यरत थे।
इंस्टीट्यूट के मुताबिक रिक्टर ने 1935 में अपने सहयोगी बेनो गुटेनबर्ग के साथ मिलकर 'रिक्टर पैमाने' का आविष्कार किया था। उन्होंने भूकम्प विज्ञान पर दो किताबें भी लिखी थीं।
साल 1980 में रिक्टर ने कहा था कि भूकम्प विज्ञान की प्रयोगशालाओं में एक ऐसे यंत्र की आवश्यकता थी जो भूकम्प की तीव्रता ज्ञात कर सके क्योंकि इन प्रयोगशालाओं में हर साल 200 से 300 भूकम्पों के अध्ययन किए जाते हैं। रिक्टर का 1985 में निधन हो गया था।
मूल समाचार{लेख}के लिए यहाँ क्लिक करें |