इंटरनेट की दुनिया गढ़ने वाले महारथियों में से एक और इंटरनेट के पिताओं में से एक की संज्ञा से नवाजे जाने वाले विंट सर्फ ने एक साक्षात्कार में कहा कि यह समस्या आने में अब कम समय ही बाकी बचा है। उन्होंने इस समस्या की जिम्मेदारी खुद पर लेते हुए कहा कि इंटरनेट की यह दिक्कत दरअसल उनकी ही देन है और उनकी वजह से इंटरनेट की दुनिया पर संकट आ रहा है।
इंटरनेट के प्रयोक्ताओं को आने वाले दिनों में इस समस्या से जूझना पड़ सकता है कि उनके लिए आई पी एड्रेस बचे ही नहीं होगें। आईपी एड्रेस के जरिए ही दुनिया का एक कम्प्यूटर, दूसरे कम्प्यूटर से जुड़ पाता है। दुनिया में काम कर रहे हर सर्वर और कम्प्यूटर एक दूसरे के साथ एक संजाल में काम करते हैं और हर एक का संबंध दूसरे से आई पी एड्रेस के जरिए हो पाता है। लेकिन हर कम्प्यूटर को मिलने वाले आईपी एड्रेस एक निश्चित संख्या तक ही मुहैया कराए जा सकते हैं।
इंटरनेट मुहैया कराना आईपी एड्रेस वर्जन या आईपी वी फोर तकनीक की वजह से ही संभव हो पा रहा है लेकिन इनकी संख्या करीब चार अरब है और यह तेजी से आंकड़ा सिमट रहा है जिससे आने वाले दिनों में इंटरनेट प्रयोक्ताओं की मुश्किलों में इजाफा हो सकता है।
ये लेख यहाँ से लिया गया है---- IBN Khabar
इंटरनेट के प्रयोक्ताओं को आने वाले दिनों में इस समस्या से जूझना पड़ सकता है कि उनके लिए आई पी एड्रेस बचे ही नहीं होगें। आईपी एड्रेस के जरिए ही दुनिया का एक कम्प्यूटर, दूसरे कम्प्यूटर से जुड़ पाता है। दुनिया में काम कर रहे हर सर्वर और कम्प्यूटर एक दूसरे के साथ एक संजाल में काम करते हैं और हर एक का संबंध दूसरे से आई पी एड्रेस के जरिए हो पाता है। लेकिन हर कम्प्यूटर को मिलने वाले आईपी एड्रेस एक निश्चित संख्या तक ही मुहैया कराए जा सकते हैं।
इंटरनेट मुहैया कराना आईपी एड्रेस वर्जन या आईपी वी फोर तकनीक की वजह से ही संभव हो पा रहा है लेकिन इनकी संख्या करीब चार अरब है और यह तेजी से आंकड़ा सिमट रहा है जिससे आने वाले दिनों में इंटरनेट प्रयोक्ताओं की मुश्किलों में इजाफा हो सकता है।
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