Thursday, March 17, 2011

विश्व कप से जुड़े रोचक तथ्य |

क्रिकेट विश्व कप वनडे क्रिकेट की सबसे प्रतिष्ठित प्रतियोगिता है. हर चार साल पर होने वाली ये प्रतियोगिता वर्ष 1975 में इंग्लैंड से शुरू हुई थी. पहले यह प्रतियोगिता 60 ओवरों की होती थी. पहले खिलाड़ी उजली पोशाक में होते थे, तो समय के साथ हर चीज़ रंगीन होता गया.

विश्व कप क्रिकेट से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियाँ....

1. वर्ष 1975 से 1999 तक के विश्व कप के दौरान जिसने भी सेमी फ़ाइनल में मैन ऑफ़ द मैच का पुरस्कार जीता, उसी ने फ़ाइनल में भी मैन ऑफ़ द मैच का पुरस्कार जीता. वर्ष 1975 में विवियन रिचर्ड्स, 1979 में क्लाइव लॉयड, 1983 में कपिल देव, 1987 में डेविड बून, 1992 में वसीम अकरम, 1996 में अरविंद डी सिल्वा और 1999 में शेन वॉर्न ने यह कमाल दिखाया था.

2. विश्व कप में सबसे ज़्यादा बार शून्य पर आउट होने का रिकॉर्ड न्यूज़ीलैंड के नाथन एस्टल और एजाज़ अहमद के नाम पर है. दोनों पाँच-पाँच बार शून्य पर आउट हो चुके हैं.

3. एक ही विश्व कप में सबसे ज़्यादा शून्य पर आउट होने का रिकॉर्ड दक्षिण अफ़्रीका के एबी डी वेलियर्स के नाम है, जो एक ही विश्व कप में चार बार आउट हो चुके हैं.

4. विश्व कप में सबसे धीमी गति से रन बनाने का रिकॉर्ड भारत के लिटिल मास्टर सुनील गावसकर के नाम है, जिन्होंने वर्ष 1975 के पहले विश्व कप में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ 174 गेंदों का सामना करते हुए सिर्फ़ 36 रन बनाए थे. जिसमें उन्होंने सिर्फ़ एक चौका मारा था. उस समय 60-60 ओवर का मैच होता था.


5. पहले तीन विश्व कप में खिलाड़ियों ने उजली पोशाकें पहनीं और मैच लाल गेंद से खेली गई.

6. पहले तीनों विश्व कप इंग्लैंड में आयोजित हुए.

7. वेस्टइंडीज़ के विवियन रिचर्ड्स ऐसे एकमात्र क्रिकेटर हैं, जिन्होंने विश्व कप क्रिकेट के साथ-साथ विश्व कप फ़ुटबॉल में भी हिस्सा लिया है. विश्व कप फ़ुटबॉल में वे एंटिगा की ओर से खेले थे.

8. वर्ष 1996 के विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज़ ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए श्रीलंका में खेलने से इनकार कर दिया. ये दोनों मैच श्रीलंका के हक़ में गए. उसी विश्व कप के सेमी फ़ाइनल में भारत और श्रीलंका के बीच मुक़ाबला हुआ. लेकिन दर्शकों के ख़राब व्यवहार के कारण ये मैच भी श्रीलंका की झोली में गया. हालाँकि श्रीलंका उस समय काफ़ी अच्छी स्थिति में था और उसका जीतना तय था.

9. अभी तक दो खिलाड़ी ऐसे हुए हैं, जिन्होंने दो अलग-अलग देशों की ओर से विश्व कप के मैच खेले हैं. एंडरसन कमिंस ने वर्ष 1992 में वेस्टइंडीज़ की ओर से और वर्ष 2007 में कनाडा की ओर से विश्व कप खेला है. उनके पहले कैपलर वेसल्स ने वर्ष 1983 में ऑस्ट्रेलिया की ओर से और 1992 में दक्षिण अफ़्रीका की ओर से विश्व कप के मैच खेले. ग्रैम हिक ने भी वर्ष 1992, 1996 और 1999 में इंग्लैंड की ओर से विश्व कप में हिस्सा लिया. वैसे 1983 के विश्व कप में वे ज़िम्बाब्वे की टीम में शामिल थे, लेकिन कोई मैच नहीं खेल पाए.


10. श्रीलंका की टीम पहली और एकमात्र मेज़बान देश की टीम है, जिसने विश्व कप जीता है. वर्ष 1996 के विश्व कप का आयोजन श्रीलंका, भारत और पाकिस्तान ने मिलकर किया था. श्रीलंका ने विश्व कप जीता, हालाँकि इसका फ़ाइनल पाकिस्तान के लाहौर शहर में हुआ था.

11. जेफ़ क्रो ने वर्ष 1987 के विश्व कप में न्यूज़ीलैंड की कप्तानी की थी. इस विश्व कप से पहले उन्होंने सिर्फ़ एक टेस्ट में न्यूज़ीलैंड की कप्तानी की थी.

12. विश्व कप की शानदार पारियों में से एक 1983 में कपिल देव ने ज़िम्बाब्वे के ख़िलाफ़ खेली थी. उनकी 175 रनों की नाबाद पारी की न वीडियो रिकॉर्डिंग मौजूद है और न ऑडियो कमेंट्री. क्योंकि कैमरामैन हड़ताल पर थे.

13. दक्षिण अफ़्रीका के हर्शेल गिब्स विश्व कप के एक मैच में एक ओवर में छह छक्के मारने वाले एकमात्र खिलाड़ी हैं. उन्होंने 2007 के विश्व कप में नीदरलैंड्स के ख़िलाफ़ ये कारनामा किया था.


14. विश्व कप के इतिहास में सबसे कम स्कोर वाला विश्व कप था, वर्ष 1979 का विश्व कप. इस विश्व कप में सिर्फ़ दो शतक लगे थे.

15. विश्व कप में टेस्ट न खेलने वाले देशों में सबसे बेहतरीन रिकॉर्ड कीनिया के नाम है. कीनिया ने वर्ष 2003 के विश्व कप के सेमी फ़ाइनल तक जगह बनाई थी.

16. बांग्लादेश के तल्हा जुबैर सबसे कम उम्र में विश्व कप खेलने वाले खिलाड़ी हैं. वर्ष 2003 के विश्व कप में वे शामिल हुए थे और उस समय उनकी उम्र थी 17 वर्ष और सात दिन.

17. इंग्लैंड के डेनिस एमिस के नाम विश्व कप में पहला शतक लगाने का रिकॉर्ड है. वर्ष 1975 के विश्व कप में भारत के ख़िलाफ़ उन्होंने 137 रनों की पारी खेली थी.

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